मैंने खुद अपनी ज़िन्दगी में कुछ ऐसे मुकाम पर खुद को चुनौती दी हैं| जो मुझे काफी फायदेमंद रही हैं | और उसी विचारो और चुनौती को में आपके सामने कहना चाहता हूँ जो आपको काफी हद तक फायदेमंद रहेंगे | और आसा करता हूँ की आप इस चुनौती का स्वीकार करेंगे और अपने जिंदगी को बेहतर बनाने का प्रयाश करेंगे |
1. शिक्षा ही जीवन है | शिक्षा सुखद और आंतरिक कारणों से होनी चाहिए, सिर्फ डिग्री पाने के लिए नहीं, शिक्षा अधिक ज्ञान को अवशोषित करने और अधिक अनुभव प्राप्त करने के लिए होनी चाहिए, इस बोली का उपयोग करने के लिए क्षमा करे लेकिन शिक्षा जीवन के लिए अधिक नहीं हैं, शिक्षा जीवन के लिए सब कुछ नहीं है, परन्तु कुछ नया सिखने की जिज्ञासा से हमें शिक्षा प्राप्त करनी चाहिए | आप अपने क्षेत्र के बारे में और नए विषयों पर ब्लॉग पढ़े, क़िताबे पढ़े, नए विषयों पर ध्यान दे जो सबसे बेहतर हो, आपने अनुभव नहीं किया उस कला को एक नए रूप से देखें और उससे अपना विचार मिलाने की कोशिस कीजिये और उस कला का अनुभव कीजिये | लगातार अपने दिमाग को व्यापक बनाने में और नई जानकारी को खोजने और उसे सोखने के लिए अपने मन को चुनौती दीजिये ( for ex – यह क्या हैं, यह कैसे होगा, इसे इस्तमाल कैसे करते हैं) ऐसे बोहुत से सवाल है जो मेरी चुनौती है |
2. यदि आप संगीत, चित्रकला रचना, एक उपकरण का निर्माण, यहाँ तक कि कंप्यूटर प्रोग्राम की कोडिंग ऐसे कोश्ल्यो को करने कि कभी कोशिस नहीं की तो इस कोश्ल्यो के बारे में जानने की कोशिश कीजिये,
एक नए कौशल्य को सिखने में अपने मन को व्यस्त रखे | आप ये मत सोचिये की आप कोई पुराना कोशल्य अपने अंदर जगाने की कोशिश कर रहे हैं | आप अपने अंदर एक नए इन्सान को जगा रहे हैं | ये सोचिये की युवा पीढ़ी के आप ही वो पहले इन्सान है जो निश्चित रूप से और सचे दिल से कुच नया कोशल्य प्राप्त कर रहे हैं| एक नये कोशल्य को सिखने में आपके मन में कई नए रास्ते बन जायेंगे, और आप पहले से ही एक विशेषज्ञ हैं, ये सोचिये जो कुछ भी बेहतर बनने में आपकी मदद करेगा और अपने आप कुच नया सीखेंगे और आपको खुद पर नाज़ होगा | आप एक नए शोख़ में कला, व्यापर, बौधिक, सामाजिक किसी भी कला में अपने आपको उल्जाये रखये और उसी उदेश्य से आगे बढिए यही मेरी दूसरी चुनौती हैं |
3. सबसे बेहतर हमें जो चाहिए वो पाने की तमना रखना और उसे एक कागज़ में लिखना, आप अपनी जिंदगी की नई शुरुआत करना चाहते है तो आप अभी से कीजिये और प्रकृति को एक मेनू कार्ड की तरह इस्तेमाल करना स्टार्ट कीजिये, इसके आलावा आप अपनी परेशानियों को लिखये और उसे कैसे हल कर सकते है वो अपने आप आपको रास्ता मिलता जायेगा | आप अपनी परेशानी को भूल जाये और आपको जो कुछ चाहिए वो एक कागज़ पर लिख दीजिये | अपने मस्तिस्क में सिर्फ इतना याद रखना है आपको बस हमें जो चाहिए वो हमें हाशिल करना है| प्रकुति हमें जो चाहिए वो देने का प्रयाश करती है सिर्फ हमें सोचना वो है जो हमें चाहिए, हमें जो चाहिए वो लिखना है पर्कुती अपने आप सब हम तक पोहुचाने में लग जायेगी | सबसे बेहतर सोचना और उसी को पाना मेरी तीसरी चुनौती है |
4. ज्ञान को मन में जाने के लिए समय दीजिये, हम लगातार नई जानकारी लेने में लगे रहते है और हम एक ही बातोँ में उल्जे रहते है, और हमारे मन को समय नहीं देते समजने के लिए और हम काफी हद तक चीजों को भूलने लगते है, यह एक सत्य है यदि एक ही बार में पूरी किताब पढने से तो अच्छा हर रोज एक पेज को पढ़ा जाये यानि की हम एक ही दिन में सब जानकारिय नहीं लेनी चाहिए | हमारे मन को शांत रख कर उचित कला और कोश्ल्यो का ज्ञान लेना चाहिए | और मन को शांत रख कर सभी कला और कोश्ल्यो में माहिर होना यही मेरी चौथी चुनौती है |
5. अच्छी तरह से खाना और ठीक समय पर सोना और व्यायाम करना अपने मन को समुचित आराम और उर्जा देने के लिए सबसे बेहतर तरीका है, यह एक सुंदर आत्मा व्याख्यात्मक है, लिकिन हम भूल जाते है की उचित कला और कोश्ल्यो की जानकारी लेने में की आराम और उचित भोजन हमें ज़रूरी होता है | भोजन, व्यायाम, अच्छी नींद लेने से हम हर सुबह हमारे शरीर को एक नई उर्जा देने का काम कहते है और हमारे अन्दर के उस महान विशेषज्ञ को फिरसे जिवंत करते है और कुछ नया सिखने में हम मन लगाते है | खुदको तंदुरस्त रखे सबसे अच्छी नींद ले और व्यायाम करे यही मेरी आखिरी चुनौती है |