Quote 1- प्रत्येक जीव स्वतंत्र है . कोई किसी और पर निर्भर नहीं करता .
Quote 2-भगवान् का अलग से कोई अस्तित्व नहीं है . हर कोई सही दिशा में सर्वोच्च प्रयास कर के देवत्त्व प्राप्त कर सकता है
Quote 3-किसी के अस्तित्व को मत मिटाओ। शांतिपूर्वक जिओ और दुसरो को भी जीने दो।
Quote 4-सुखी जीवन जीने के लिए दो बातें हमेशा याद रखो -अपनी मृत्यु,भगवान
Quote 5-आपने कभी किसी का भला किया हो तो उसे भूल जाओ। और कभी किसी ने आपका बुरा किया हो तो उसे भूल जाओ।
Quote 6-एक व्यक्ति जलते हुए जंगल के मध्य में एक ऊँचे वृक्ष पर बैठा है। वह सभी जीवित प्राणियों को मरते हुए देखता है। लेकिन वह यह नहीं समझता की जल्द ही उसका भी यही हश्र होने वाला है। वह आदमी मूर्ख है।
Quote 7-प्रत्येक आत्मा स्वयं में सर्वज्ञ और आनंदमय है . आनंद बाहर से नहीं आता .
Quote 8-सभी मनुष्य अपने स्वयं के दोष की वजह से दुखी होते हैं , और वे खुद अपनी गलती सुधार कर प्रसन्न हो सकते हैं
Quote 9-अहिंसा सबसे बड़ा धर्म है।
Quote 10-भगवान् का अलग से कोई अस्तित्व नहीं है . हर कोई सही दिशा में सर्वोच्च प्रयास कर के देवत्त्व प्राप्त कर सकता है
Quote 11-प्रत्येक जीव स्वतंत्र है . कोई किसी और पर निर्भर नहीं करता .
Quote 12-किसी आत्मा की सबसे बड़ी गलती अपने असल रूप को ना पहचानना है , और यह केवल आत्म ज्ञान प्राप्त कर के ठीक की जा सकती है।
Quote 13-आपात स्थिति में मन को डगमगाना नहीं चाहिये।
Quote 14-शांति और आत्म-नियंत्रण अहिंसा है।
Quote 15-सभी जीवित प्राणियों के प्रति सम्मान अहिंसा है .
Quote 16-सभी मनुष्य अपने स्वयं के दोष की वजह से दुखी होते हैं , और वे खुद अपनी गलती सुधार कर प्रसन्न हो सकते हैं .
Quote 17-अहिंसा सबसे बड़ा धर्म है .
Quote 18-आत्मा अकेले आती है अकेले चली जाती है , न कोई उसका साथ देता है न कोई उसका मित्र बनता है .
Quote 19-क्या तुम लोहे की धधकती छड़ सिर्फ इसलिए अपने हाथ में पकड़ सकते हो क्योंकि कोई तुम्हे ऐसा करना चाहता है ? तब , क्या तुम्हारे लिए ये सही होगा कि तुम सिर्फ अपनी इच्छा पूरी करने के लिए दूसरों से ऐसा करने को कहो। यदि तुम अपने शरीर या दिमाग पर दूसरों के शब्दों या कृत्यों द्वारा चोट बर्दाश्त नहीं कर सकते हो तो तुम्हे दूसरों के साथ अपनों शब्दों या कृत्यों द्वारा ऐसा करने का क्या अधिकार है ?
Quote 20-प्रत्येक जीव स्वतंत्र है, कोई किसी और पर निर्भर नहीं करता।
Quote 21-भगवान् का अलग से कोई अस्तित्व नहीं है। हर कोई सही दिशा में सर्वोच्च प्रयास कर के देवत्त्व प्राप्त कर सकता है।
Quote 22-स्वयं से लड़ो , बाहरी दुश्मन से क्या लड़ना ? वह जो स्वयम पर विजय कर लेगा उसे आनंद की प्राप्ति होगी .
Quote 23-आपकी आत्मा से परे कोई भी शत्रु नहीं है . असली शत्रु आपके भीतर रहते हैं , वो शत्रु हैं क्रोध , घमंड , लालच ,आसक्ति और नफरत .
Quote 25-प्रत्येक आत्मा स्वयं में सर्वज्ञ और आनंदमय है। आनंद बाहर से नहीं आता।
Quote 26-खुद पर विजय प्राप्त करना लाखों शत्रुओं पर विजय पाने से बेहतर है
Quote 27-हर एक जीवित प्राणी के प्रति दया रखो। घृणा से विनाश होता है।