परीक्षा का समय नजदीक आता जा रहा है और ऐसे मैं आपको अपनी पढ़ाई के प्रति जागरूकता लाने की जरूरत है । टाइम टेबल के अनुसार पढ़ाई करने की जरुरत है ।
दिसंबर का शुरुआती महीना आपको यह बतलाता है कि यदि हम अपनी पढ़ाई के प्रति अभी भी जागरुक नहीं होंगे तब हम यक़ीनन ही अच्छे मार्क्स या ग्रेड के साथ परीक्षा में सफल नहीं होंगे । ज्यादातर छात्र अभी तक भी अपनी पढ़ाई में जागरुक नहीं हुए हैं इसका मतलब यह भी हो सकता है :-
* पढ़ाई लिखाई में मन ना लगना ।
* जो पढ़ा है वह समझ में ना आना।
* कैसे पढे या कहां से शुरुआत करें के विषय में पता ना होना।
* मन को पढ़ाई में स्थिर न कर पाने की दशा से।
* पढ़ाई से कतराना और झूठी घबराहट का सहारा लेना।
ऊपर दिए गए मुख्य बिंदु अक्सर एक विद्यार्थी के जीवन से जुड़े होते हैं ।
कुछ विद्यार्थी पढ़ाई में इसीलिए जागरुक नहीं हो पाते हैं क्योंकि पढ़ाई लिखाई में मन ही नहीं लगता है ।
इसका मतलब है कि पढ़ाई उनके सिर पर रखा बहुत बड़ा बोझा होता है ।
पढ़ाई को अपने जीवन का रोचक विषय बनाइए । शंकारहित बनिए। आज के विषय में हम जानेंगे कि हम अपना टाइम टेबल कैसे बनाएं और पढ़ाई करने के लिए बेहतर विकल्प लाएं ।
इसके लिए आपको कुछ नहीं करना होता है सिर्फ नीचे दिए जा रहे व्याख्यानपूर्ण बिंदुओं को ध्यानपूर्वक पढ़ना होगा जिसकी सहायता से आप एक अच्छा टाइमटेबल या विषयसारणी का निर्माण कर सकते हैं। कृपया ध्यानपूर्वक इन बिंदुओं को पढ़िए :-
1. दिन के रुटीन पर एक दिन का सर्वे करें :-
इस बिंदु का मतलब है कि पहले आप अपने रोजमर्रा के कामों पर निरीक्षण करिए और पता करिए कि आप कौन से कार्य करते हैं जो महत्वपूर्ण है तथा महत्वपूर्ण नहीं है-
उनकी एक सूची बनाइए और दिन के अंत तक महत्वपूर्ण कार्यों पर टिक (√) लगाइए तथा जो कार्य महत्वपूर्ण नहीं थे और आपके द्वारा किए गए उन कार्यो के सामने क्रॉस (×) का निशान लगाइए। ऐसे कार्यों को करने का मतलब होता है कि आपने अपने समय को व्यर्थ में व्यय किया है ।
अब आप उन विषयों की पुनः सूची बनाइए जो आपके लिए और आप की पढ़ाई के लिए महत्वपूर्ण है।
2. अपने अध्ययन हेतु कमजोर और शक्तिशाली विषय चुनें :-
इस बात को प्रत्येक विद्यार्थी अच्छी तरह से समझ सकता है कि वह हर विषय में कमजोर नहीं होता है। जो विषय कमजोर हैं या जिन विषयों को आप के अध्ययन की सख्त आवश्यकता है उन्हें अपने महत्वपूर्ण बिंदुओं के शीर्ष पर रखिए तथा शक्तिशाली विषयों को भी , जिन पर आपकी पकड़ अच्छी होती है अध्ययन करना ना भूलें ।
3. टाइम टेबल ( समय तालिका बनाए ) :-
अब जरूरत है आपको समय सारणी का चुनाव करने की सुबह आपके जागने के पश्चात से नित्य किए जा रहे कार्यों को इस सूची में डालिए और प्रत्येक विषय को ज्यादा लंबे समय तक न रखिए।
याद रखिए किसी विषय को लगातार लंबे समय तक पढ़ते रहने की वजह से आपका मस्तिष्क तनावग्रस्त हो सकता है। इसलिए पढ़ाई के विषयों को तालिका में 40 से 50 मिनट तक का ही समय दें।
4. ब्रेक टाइम का चुनाव करें :-
प्रत्येक 40-50 मिनट के अंतराल के बाद 5 से 10 मिनट तक का ब्रेक दें। इसकी वजह से आप स्वयं को पुनः तरोताजा या थकानरहित महसूस कर सकते हैं।
इसी बीच यदि आप ज्यादा थका हुआ महसूस भी करते हों तब आप स्वयं के लिए चाय या कॉफी या वह पेय पदार्थ जो आपको थकावट रहित बनाता हो , तैयार कर सकते हैं ।
पढ़ने के साथ-साथ आप की समय तालिका में ब्रेक टाइम का होना अति आवश्यक है।
5. घरेलू आवश्यक कार्य हेतु की सूची बनाइए :-
यह जरुरी नहीं कि जब आपने ठान ही लिया है कि पढ़ाई और सिर्फ पढ़ाई के लिए ही समय सारणी का टाइम टेबल में समय निकालेंगे ।
कुछ घरेलू कार्यों का इस तालिका में सम्मिलित होना अति आवश्यक है । इन कार्यों के लिए आप अलग से एक दिन का समय निकाल सकते हैं- रविवार ।
इस पूरे दिन आप चाहें तो अपने अन्य जरूरी कार्यों को निपटा सकते हैं जैसे; बाजार से सामग्री खरीदना, अपने कपड़े धोना ,जूते पॉलिश करना ,कपड़े प्रेस करना ,अपने रूम की सफाई करना, किताबों को व्यवस्थित करना ,इत्यादि।
इस सबके लिए भी आपको समय निकालने चाहिए क्योंकि यह वह कार्य होते हैं जो आपके विद्यार्थी जीवन को प्रभावित करते हैं।
6. आज ही सुनियोचित सारणी पर निर्भर हो :-
आपकी सारणी पूरी तरह से पूर्ण हो जाने के पश्चात अब आपको जरूरत होती है अपने कार्यों को सूचीबद्ध तरीके से करने की।
सूची में दिए गए समय के साथ ही उचित कार्य करने के लिए अपने आप को मजबूत बनाएं और सारणी के नियमावली का पालन सुचारु ढंग से करें।
अपने आलस्य का त्याग करें और कार्य को तुरंत करने की आदत डालें । यदि आप चाहें तो सारणी में फेरबदल भी कर सकते हैं ।
यदि आपको लगता है कि कुछ कार्यों का और सम्मिलित होना भी जरूरी है तब आप उन कार्यो को सूची में डाल सकते हैं । और अपनी समय सारणी को और भी ज्यादा प्रबल बना सकते हैं।
इस प्रकार ऊपर दिए गए तरीकों के माध्यम से बहुत ही आसानी से एक टाइम टेबल का निर्माण कर सकते हैं।
आपकी पढ़ाई को सुनियोजित ढंग से पालन पोषण करने हेतु समय तालिका की आवश्यकता होती है और समय तालिका का निर्माण कैसे करें और कैसे खुद को अनुशासन में दलें ऊपर दिए गए महत्वपूर्ण बिंदुओं को पढ़कर आप इस समस्या से भी निजात पा सकते हैं एक विद्यार्थी को अनुशासन में ढले रहने की आवश्यकता है और आवश्यकता है खुद को नियम और कायदे कानून में ढालकर पढ़ने की।